पीलीभीत। कस्बा न्यूरिया की ऐतिहासिक दरगाह हज़रत मखदूम शाह अली मियाँ रहमतुल्लाह अलैहि का पांच दिवसीय 108वां सालाना उर्स शुक्रवार सुबह कुल शरीफ की फातिहा के साथ सम्पन्न हो गया। कुल शरीफ का आयोजन दरगाह ग्राउंड में मुतावल्ली डॉ. अकबर हुसैन की सरपरस्ती में संपन्न हुआ।इस मौके पर हाफिज मोहम्मद यामीन, मौलाना इंतिखाब अहमद और मौलाना मोहम्मद आलम ने हज़रत की रूहानी ज़िंदगी और शिक्षाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। फातिहा के दौरान मुल्क और क़ौम की तरक्की, अमन व सलामती के लिए विशेष दुआ की गई, जिसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की।

इससे एक दिन पूर्व, उर्स के चौथे दिन नमाज़-ए-मग़रिब के बाद चादरपोशी की रस्म अदा की गई। अकीदतमंदों ने दरगाह पर चादर चढ़ाकर मन्नतें मांगीं। रात्रि में देश के मशहूर क़व्वाल जुनैद सुल्तानी ने अपने सूफियाना कलामों से महफ़िल में समां बाँध दिया। “मौला अली मौला अली” और “टूटी चटाई, मिट्टी के बर्तन” जैसी मशहूर क़व्वालियों पर लोगों ने झूमकर श्रद्धा व्यक्त की। क़व्वाल पर नोटों की जमकर बारिश हुई और माहौल सूफियाना रंग में रंग गया।

समाजसेवी अनस हमीद नूरी द्वारा अजमत आफ़ताब वारसी और सुफिया चिश्ती को संयुक्त रूप से स्कूटी देकर सम्मानित किया गया। उर्स के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही। थानाध्यक्ष रूपा बिष्ट के दिशा-निर्देशन में कस्बा प्रभारी सुभाष मावी, हेडकांस्टेबल प्रदीप कुमार समेत थाना पुलिस पूरे आयोजन के दौरान सतर्क रही और शांति व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।इस मौके पर अंजुमन रशीदी कमेटी के मो. जफर, कमाल अहमद, जाहिद हुसैन, मो. असलम, हाजी इरफान, हाजी नईम खां, अनस हमीद, समीर, नदीम अहमद, रिजबान खां, शरफुद्दीन नूरी, शकील अहमद के अलावा गुजरात से आए हनीफ और तसलीम का ग्रुप भी शामिल रहा।
