नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रमज़ान और ईद के अवसर पर एक नई पहल ‘सौगात-ए-मोदी’ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत देशभर में लगभग 32 लाख मुस्लिम परिवारों को ईद किट वितरित की जा रही हैं।
क्या है ‘सौगात-ए-मोदी’ योजना?
‘सौगात-ए-मोदी’ योजना के तहत भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने 32,000 मस्जिदों के सहयोग से जरूरतमंद मुस्लिम परिवारों तक सहायता पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। प्रत्येक मस्जिद में 100 किट वितरित किए जा रहे हैं, जिसमें प्रमुख खाद्य पदार्थ और वस्त्र शामिल हैं।
ईद किट में क्या होगा?
इस योजना के तहत दी जा रही ईद किट में शामिल सामग्री इस प्रकार है:
खाद्य सामग्री: चावल, दाल, चीनी, सरसों का तेल, सेवइयां, मेवा और खजूर
वस्त्र: महिलाओं के लिए सूट, पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा
अनुमानित लागत: प्रति किट ₹500 से ₹600
भाजपा की मंशा और विपक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा का कहना है कि यह पहल मुस्लिम समुदाय के साथ जुड़ने और उनके त्योहार में खुशियां बांटने की एक कोशिश है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी सभी भारतीयों के नेता हैं और हम हर समुदाय की खुशियों में शामिल होना चाहते हैं।”
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस पहल पर सवाल उठाए हैं। कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे चुनाव से पहले मुस्लिम समुदाय को लुभाने की रणनीति करार दिया है।
समाज में कैसा है असर?
इस पहल को लेकर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां कई मुस्लिम परिवार इसे सकारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि सरकार को इस तरह की योजनाओं से ज्यादा शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
‘सौगात-ए-मोदी’ भाजपा की एक नई पहल है, जो ईद के अवसर पर जरूरतमंद मुस्लिम परिवारों तक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना राजनीति से प्रेरित है या वास्तव में समाज के लिए लाभकारी होगी, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि इस पहल ने देश में एक नई बहस जरूर छेड़ दी है।