पूर्व विधायक और इस्लामी विद्वान सैय्यद अली अशरफी का निधन, शोक की लहर

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पीलीभीत:पीलीभीत के पूर्व विधायक और मशहूर इस्लामी विद्वान हज़रत अल्लामा मौलाना सैय्यद अली अशरफी का बीती रात इंतिकाल हो गया। उनके निधन की खबर से उनके चाहने वालों और इस्लामी जगत में ग़म की लहर दौड़ गई।

दरगाह सैय्यद मखदूम अशरफ जहांगीर के वंशज

मौलाना सैय्यद अली अशरफी अंबेडकर नगर के किछौछा शरीफ स्थित मशहूर दरगाह हज़रत सैय्यद मखदूम अशरफ जहांगीर समनानी रहमतुल्लाह अलैह के वंशज थे। उनका संबंध सिलसिला अशरफिया से था, जो हिंदुस्तान में इस्लामी तालीम और तसव्वुफ़ का अहम केंद्र माना जाता है।

राजनीतिक सफर और उपलब्धियां

मौलाना सैय्यद अली अशरफी ने 1984 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बने थे। इसके बाद 1989 में वे विधान परिषद (MLC) के लिए चुने गए, जहां उन्होंने प्रभावी भूमिका निभाई। उनकी योग्यता और जनसेवा को देखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। उन्होंने राजनीति को हमेशा जनसेवा का माध्यम बनाया और समाज की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयासरत रहे।

इल्मी और आध्यात्मिक योगदान

उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इस्लामी तालीम और तसव्वुफ़ को फैलाने में समर्पित कर दी। उनके ज्ञान और आध्यात्मिक शिक्षाओं से लाखों लोगों को हिदायत मिली। उनकी शख्सियत दुनियाभर में सम्मानित मानी जाती थी, और उनके मुरीदीन हिंदुस्तान के अलावा कई देशों में फैले हुए हैं।

जनाज़े की नमाज़ और सुपुर्द-ए-ख़ाक

आज शाम मगरिब की नमाज़ के बाद उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। उनके चाहने वालों से अपील है कि वे उनकी मग़फिरत और जन्नत में आला मुक़ाम के लिए दुआ करें।

अनुयायियों में शोक की लहर

उनके इंतिकाल की खबर सुनते ही दुनियाभर में उनके मुरीदीन और चाहने वालों में शोक फैल गया। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और उनकी मग़फिरत के लिए दुआ कर रहे हैं।अल्लाह से दुआ”अल्लाह तआला मौलाना सैय्यद अली अशरफी साहिब की मग़फिरत फरमाए, उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला मुकाम अता करे और उनके परिवार, मुरीदीन व तमाम चाहने वालों को सब्र जमील अता फरमाए। आमीन।”